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भारतीय टॉयलेट सिस्टम और वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम में काफी अंतर होता है। भारत में आजकल ज्यादातर लोग वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। जबकि भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करना शरीर के लिए ज्यादा लाभदायक होता है। वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने से शरीर में कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है। अगर कम उम्र के लोग वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं तो इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। आज की पोस्ट में हम आपको भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने के फायदे बताने वाले हैं। आइए जान लेते हैं। भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले 95% लोग नहीं जानते होंगे यह सच्चाई, आप जरूर जानिए।

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भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने के फायदे
1. भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने के बाद लोग हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोते हैं। जबकि वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने के बाद लोग हाथों को टॉयलेट पेपर से साफ कर लेते हैं। इससे हाथों में बैक्टीरिया फैलने का खतरा रहता है।
2. भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करते समय व्यक्ति को उठना और बैठना पड़ता है। इससे पैरों की एक्सरसाइज होती है। पैरों की हड्डियां हमेशा मजबूत रहती हैं। और जोड़ों और घुटनों में कभी दर्द की समस्या नहीं होती है।

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3. भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करते समय टॉयलेट सीट पर बैठने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। इससे पेट अच्छी तरह से साफ हो जाता है। पेट में गैस, कब्ज और एसिडिटी की बीमारी नहीं होती है। और पाचन तंत्र भी स्वस्थ और मजबूत रहता है। जबकि वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने से पेट सही तरीके से साफ नहीं होता है।
आप भारतीय टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं या वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम का। कमेंट बॉक्स में बताएं। और सेहत के बारे में ऐसे रोचक टिप्स आगे भी पढ़ने के लिए चैनल को फॉलो करें