अभी बीते दिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने देश के नाम एक संबोधन किया था, जिसमे उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में पायी जाने वाली एक जड़ी बूटी का जिक्र किया था, जिसे उन्होंने संजीवनी कहा था, माना जाता है कि ये वही संजीवनी है जिसे रामायण काल में लक्ष्मण जी के प्राण बचाने के लिए इस्तेमाल की गयी थी, कहा जाता है कि ये जड़ी बूटी आज भी लद्दाख क्षेत्र में पाई जाती है, आज हम आपको इसी जड़ी बूटी के बारे बताने वाले हैं।
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यह जड़ी-बूटी हिमालय पर काफी ऊंचाई पर पाई जाती है, वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है, जो इम्युन सिस्टम को ठीक सकता है, और ऊंचाई के बातावरण में शरीर को ढलने में मदद करता है और इसका सबसे फायदेमंद गुण यह है कि रेडियो-एक्टिविटी से बचाव करता है, वैज्ञानिकों ने इस जड़ी-बूटी को रोडियोला नाम दिया है, जबकि स्थानीय लोग इसे 'सोलो' कहते हैं।
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वैज्ञानिकों के अनुसार रोडियोला एक आश्चर्यजनक पौधा है, जो रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है, कठिन जलवायु की स्थितियों में शरीर को अनुकूल बनाता है और रेडियो एक्टिविटी से बचाव करता है, इस पौधे में सीकोंडरी मेटाबोलाइट्स और फायटोएक्टिव तत्व पाएं जाते हैं, जो बेहद विशिष्ट तत्व हैं।
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इस पौधे की एडेप्टोजेनिक क्षमता लोगों को और कम दवाब और कम आक्सीजन वाले वातावरण में अनुकूल होने में मदद कर सकती है, साथ ही इस पौधे में अवसाद-रोधी और भूख बढ़ाने वाला गुण भी होता है।