आप सभी ने जीमीकंद की सब्जी तो जरूर खाई होगी और आपको जरूर पता होगा इसे सूरन के नाम से जाना जाता है| वैसे जिमीकंद दिखने में चपटा गोल गहरा भूरा या बादामी रंग का होता है| इसकी दो प्रजातियां देखने को मिलती है| एक के कंद छोटे और दूसरे के आकार में काफी बड़े होते हैं और कंद के अंदरूनी भाग का रंग दो प्रकार में पाया जाता है| एक नारंगी बादामी और दूसरा सफेद| जिमीकंद को विभिन्न विभिन्न तरीकों से बनाने पर इसका स्वाद भी अलग अलग आता है और इसके बहुते से व्यंजन भी बनाए जाते हैं| यदि आप जिमीकंद के बनाए गए व्यंजन को बिना खटाई के सेवन करते हैं तो यह गले में खुजली जैसा अनुभव कराता है| जो काफी ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है| तो आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में...
आपको बता दें सूरने में बहुत से तत्व मौजूद होते हैं जैसे कि कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीज, मिनरल्स, जिंक, कॉपर आदि के अलावा भी ओमेगा 3 फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन सी और बी मौजूद होता है| इसी के साथ साथ इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियसिन और पाइरिडॉक्सिन के अंश भी प्रमुख हैं।
जिमिकंद का उपयोग कब्ज़, बवासीर, पेट से संबन्धित विकारों ट्यूमर, भूख का न लगना, तिल्ली (स्प्लीन) का बढ़ना, एस्थमा, गठिया, फीलपांव, ब्रोंकाइटिस, उदर शूल, पेट फूलना, कृमि रोग, वात, कफ़, थकान, एनीमिया, ऋतुरोध (ऐमेनॉरीअ), मासिकधर्म की पीड़ा (डिस्मेनरिअ), शारीरिक दुर्बलता के इलाज में ये उपयोगी माना गया है।
ये शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने वाला, बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने वाला और रक्तचाप को नियंत्रित रखकर हृदय रोगों से बचाव करने वाला होता है। वजन को नियंत्रित कर मोटापे को कम करने में सहायक है। यह खून का थक्का जमने से भी रोकता है। यह बलवर्धक (टॉनिक) है और शरीर में पोषक रसो के अवशोषण में मदद करने वाला है| जिमिकंद में एंटीएजिंग गुण भी पाये जाते हैं । यह एस्ट्रोजेन हॉरमोन के स्तर को बढ़ाने वाला और शरीर में अन्य कई हॉरमोन के स्तर को सामान्य बनाए रखने में सहायक होकर स्त्री स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है। इसलिए शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए ये लाभकारी माना गया है