95% लोग नहीं जानते है इंडियन टॉयलेट से जुड़ी ये सच्चाई, आप जरूर जान लें
आजकल भारत में अधिकतर लोग इंडियन टॉयलेट सिस्टम की बजाय वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम ज्यादा पसंद कर रहे हैं। जिन लोगों के पैरों और घुटनों में दर्द की समस्या रहती है उनके लिए वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम फायदेमंद है। लेकिन कम उम्र के लोगों के लिए वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम नुकसानदायक है। अगर युवा लोग नीचे बैठना छोड़ देंगे तो उन्हें घुटनों और जोड़ों से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 95% लोग नहीं जानते इंडियन टॉयलेट से जुड़ी यह सच्चाई, आप जरूर पढ़ें।
पेट अच्छे से साफ होता है
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इंडियन टॉयलेट सिस्टम पर बैठने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। और पाचन तंत्र पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है। जिससे पेट अच्छी तरह साफ हो जाता है। लेकिन वेस्टर्न टॉयलेट सिस्टम पर बैठने से पेट पर दबाव नहीं पड़ता है। और पेट अच्छे से साफ नहीं होता है। ऐसे लोग घंटों टॉयलेट में बैठे रहते हैं। और ऐसे लोगों को कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं होती हैं।
शारीरिक एक्सरसाइज होना
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इंडियन टॉयलेट सिस्टम का इस्तेमाल करने में व्यक्ति को उठना और बैठना पड़ता है। और इसमें हाथ और पैरों को मोड़ना पड़ता है। जिससे हाथ पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। और शरीर की एक्सरसाइज होती है।
साफ-सफाई अधिक रहना
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वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले लोग टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं। जबकि इंडियन टॉयलेट का इस्तेमाल करने वाले लोग साबुन से हाथ धोते हैं। जिससे हाथों पर बैक्टीरिया होने का खतरा कम हो जाता है। और इंडियन टॉयलेट सिस्टम इस्तेमाल करने वाले लोगों के हाथ अच्छी तरह साफ होते हैं। जबकि वेस्टर्न टॉयलेट इस्तेमाल करने वाले लोगों के हाथों में बैक्टीरिया इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है


