इसके पीछे एक बड़ी वजह यह भी है कि इस गाँव में बड़ी संख्या में जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैं। यहाँ हर दस में से एक प्रेगनेंसी मल्टिपल बर्थ वाली होती है। इसके लिए ज्यादातर आब्जर्वर नाजियों को दोषी मानते हैं। नाजियों के सरदार एडोल्फ हिटलर के बारे में किसी को कुछ भी बताने की जरुरत नहीं है। एडोल्फ हिटलर इतिहास के सबसे क्रूर व्यक्तियों में से एक माना जाता है। एडोल्फ हिटलर अपने दुश्मनों को मात देने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाता था। एडोल्फ हिटलर काले जादू में भी खूब विश्वास करता था।

एंजेल ऑफ़ डेथ के नाम से मशहूर था जर्मन डॉक्टर जोसेफ:


उसने लोगों को नुकसान पहुँचाने के लिए तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट भी करवाए थे। उन्ही एक्सपेरिमेंट करने वाले डॉक्टरों में से एक डॉक्टर वर्ल्ड वॉर ख़त्म होने के बाद यहाँ भागकर आ गया था। यहाँ आने के बाद उसने यहाँ पर भी कई मेडिकल एक्सपेरिमेंट किये। जिसकी वजह से यह असर हुआ है। आपकी जानकारी के लिए बता दे इस गाँव में 1959 से लेकर 2008 के बीच 436 लोगों का जन्म हुआ जिसमें से 33 जुड़वाँ बच्चे थे। ये सभी केवल 4 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले थे। ज्यादातर लोगों का कहना है कि इसके पीछे एंजेल ऑफ़ डेथ के नाम से मशहूर हिटलर का करीबी डॉक्टर डॉक्टर जोसेफ मेंगेल था।

टाउन में डॉ. जोसेफ ने किये थे खतरनाक एक्सपेरिमेंट:


कई इतिहासकारों का कहना है कि नाजी कैम्प से भागकर मेंगेल ब्राजील आ गया और यहाँ उसने कई एक्सपेरिमेंट किये। अपने मेडिकल एक्सपेरिमेंट के लिए वह जंग के समय बहुत बदनाम था। उसी की वजह से लगभग 4 लाख यहूदी मारे गए थे। आब्जर्वर का मानना है कि जोसेफ अपने मुखिया हिटलर के लिए आर्यन मास्टर रेस तैयार करना चाहता था। हिटलर के डेथ कैम्प में काम करते हुए जोसेफ ने अनुवांशिक शंकु खोजने की कोशिश की थी। जिससे जुड़वाँ बच्चों का जन्म होता है। इसके लिए उसने कई खतरनाक एक्सपेरिमेंट भी किये थे। टाउन के लोगों के अनुसार डॉ. जोसेफ 1960 के दशक में कई बार टाउन में आये थे। वो टाउन की महिलाओं का मेडिकल ट्रीटमेंट किया करते थे